क्या हम सचमुच इतने बड़े हो गए है ???
विदेश से 15 साल बाद अपने गाँव आकर बड़ा अच्छा लग रहा था. बहुत ज्यादा कुछ नहीं बदला था...... सड़के अभी भी आधी कच्ची ही थी. ..... बच्चो को अभी भी पढाई के लिए शहर जाना पड़ता है ......मैंने अपने 3 हफ्ते का प्रोग्राम कुछ इस तरह से बनाया था के मैं अपने सब पुराने दोस्तों, यारो , जानकारों से मिल लूँ !!!
एक दिन पुरानी सब्जी मंडी से जा रहा था के मेरी नजर एक वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी. मोटा चश्मा, बढ़ी हुई दाढ़ी, और चेहरे पर उदासी थी..........उसके कपडे भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं थे, पर ना जाने क्यों उसकी शकल मुझे कुछ जानी पहचानी सी लगी.....थोडा और करीब गया तो देखा ये तो वर्मा अंकल है.......हमारे पड़ोस में ही रहते थे, बहुत ही अच्छा lifestyle था इनका......2 बेटे थे इनके और बड़ी हसी ख़ुशी और भरपूर ज़िन्दगी जी रहे थे.......अपने बेटो को कभी कोई कमी नहीं आने दी थी वर्मा अंकल ने.......
आज उनको इस हालत में देखा तो बहुत अजीब सा लगा......मुझसे रहा नहीं गया और में उनकी तरफ बढ़ लिया......मैंने उनके पैर छुए और अपनी पहचान बताई..अंकल को मुझे पहचानने में ज्यादा देर नहीं लगी.....कुछ और बातो के बाद आखिर मैंने उनकी इस हालत के बारे में पूछ ही लिया.....
मेरे इस सवाल पर अंकल ने मेरे कंधे पे हाथ रखा और अपने आंसू छुपाते हुए बोले, " कुछ नहीं बेटा, बस अब मेरे बच्चे बड़े हो गए है " !!!!
Respect your parents.....No Matter what !!!!